
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अपराधियों के हौसले एक बार फिर चर्चा में हैं। शहर की सड़कों पर सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे करने वाली पुलिस के बावजूद बाजारखाला थाना क्षेत्र में मंगलवार रात वाहिद बिरयानी के मालिक जावेद वाहिद पर ताबड़तोड़ तीन गोलियां चलाई गईं।
6 महीने से बंद दुकान में हो रही थी सफाई… और फिर चल गई गोली
जावेद वाहिद पिछले 5-6 दिनों से 6 महीने से बंद पड़ी अपनी दुकान की सफाई करवा रहे थे। इसी दौरान रात करीब अचानक सफेद स्कूटी पर हेलमेट पहने दो युवक पहुंचे और सीधे फायरिंग शुरू कर दी।
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तीन राउंड फायर
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जावेद वाहिद बाल-बाल बचे
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हमलावर मौके से फरार
इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और लोग सहमे हुए हैं।
हमलावर कौन? नाम आया अभिषेक का
जावेद वाहिद ने आरोप लगाया है कि यह हमला उनके साथ चल रहे 26 लाख रुपये के लेन-देन विवाद से जुड़ा है। उन्होंने बताया कि राजाजीपुरम निवासी अभिषेक के साथ उनका मामला कोर्ट में चल रहा है, और आशंका है कि इसी रंजिश में हमला कराया गया।
“पहले अदालत में केस था, अब सीधे गोली!”
CCTV में क़ैद हुए सुराग, पुलिस तलाश में जुटी
घटना की सूचना मिलते ही बाजारखाला थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने आसपास के इलाकों के CCTV कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है।
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स्कूटी की पहचान का प्रयास
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हमलावरों की गिरफ्तारी जल्द का दावा
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रंजिश और अपराध एंगल से जांच जारी
योगी सरकार के ‘सुरक्षा मॉडल’ पर सवाल
पुलिस कमिश्नर सिस्टम और अपराध पर नकेल कसने की बातों के बावजूद खुलेआम गोलीबारी, वह भी शहर के बीचों-बीच, अब सवाल खड़े कर रही है।
लखनऊ के सबसे चर्चित बिरयानी ब्रांड के मालिक पर गोली चलना दिखाता है कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। पुलिस की चुनौती अब सिर्फ सीसीटीवी फुटेज खंगालने तक सीमित नहीं रह सकती — अपराध की जड़ों तक पहुंचना ज़रूरी है। सवाल ये है: क्या अपराधियों को लगेगा तड़का या फिर अपराध यूं ही उबाल मारता रहेगा?